सूर्य ग्रहण 2025 के बारे में जानकारी निम्नलिखित है

 



सूर्य ग्रहण 2025 के बारे में जानकारी निम्नलिखित है:

  • पहला सूर्य ग्रहण: 29 मार्च 2025 को लगेगा, जो पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 02:21 बजे से शाम 06:14 बजे तक रहेगा ¹।
  • दूसरा सूर्य ग्रहण: 21 सितंबर 2025 को लगेगा, जो आंशिक सूर्य ग्रहण होगा ²।
  • सूर्य ग्रहण का सूतक काल: ग्रहण के 12 घंटे पहले से सूतककाल प्रारंभ हो जाएगा जो सूर्य ग्रहण की पूर्ण समाप्ति तक रहेगा ¹।
  • सूर्य ग्रहण का प्रभाव: इस ग्रहण का धनु, मकर और मिथुन राशि के लिए शुभ साबित होगा, जबकि मेष, कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के लिए अशुभ साबित होगा 

     
    सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है, जिससे सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर पहुंचने से रुक जाती है। यह घटना तब होती है जब चंद्रमा अपनी कक्षा में सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है और सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर पहुंचने से रोकता है।
    सूर्य ग्रहण के प्रकार:
    1. पूर्ण सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है, तो यह पूर्ण सूर्य ग्रहण कहलाता है।
    2. आंशिक सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को आंशिक रूप से ढकता है, तो यह आंशिक सूर्य ग्रहण कहलाता है।
    3. वलयाकार सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सूर्य को एक वलयाकार आकार में ढकता है, तो यह वलयाकार सूर्य ग्रहण कहलाता है।
    सूर्य ग्रहण के कारण:
    1. चंद्रमा की कक्षा: चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के चारों ओर एक विशिष्ट आकार में होती है, जिससे यह सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ सकता है।
    2. चंद्रमा का आकार: चंद्रमा का आकार सूर्य के आकार के लगभग एक-चौथाई होता है, जिससे यह सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर पहुंचने से रोक सकता है।
    3. पृथ्वी की कक्षा: पृथ्वी की कक्षा सूर्य के चारों ओर एक विशिष्ट आकार में होती है, जिससे यह चंद्रमा के साथ मिलकर सूर्य ग्रहण की घटना को उत्पन्न कर सकती है।
    सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां:
    1. सूर्य को सीधे न देखें: सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य को सीधे न देखें, क्योंकि इससे आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है।
    2. सूर्य ग्रहण के दौरान खाना न खाएं: सूर्य ग्रहण के दौरान खाना न खाएं, क्योंकि इससे आपके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।
    3. सूर्य ग्रहण के दौरान पानी न पिएं: सूर्य ग्रहण के दौरान पानी न पिएं, क्योंकि इससे आपके स्वास्थ्य को नुकसान हो सकता है।

       
      सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो लगभग हर 18 महीने में लगती है। यह घटना तब होती है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है और सूर्य की रोशनी को पृथ्वी पर पहुंचने से रोकता है।
      सूर्य ग्रहण की आवृत्ति:
      • लगभग हर 18 महीने में एक सूर्य ग्रहण लगता है।
      • एक वर्ष में अधिकतम 5 सूर्य ग्रहण लग सकते हैं।
      • एक सूर्य ग्रहण की अवधि लगभग 2 घंटे से लेकर 7 घंटे तक हो सकती है।
      सूर्य ग्रहण का कुंडली पर प्रभाव:
      सूर्य ग्रहण का कुंडली पर विभिन्न प्रभाव पड़ सकते हैं, जो इस बात पर निर्भर करते हैं कि ग्रहण किस राशि में लग रहा है और किस व्यक्ति की कुंडली में कौन से ग्रह किस स्थिति में हैं।
      • सूर्य ग्रहण का प्रभाव सूर्य से संबंधित मामलों पर पड़ सकता है, जैसे कि आत्मविश्वास, आत्मसम्मान, पिता-पुत्र संबंध, सरकारी नौकरी, आदि।
      • सूर्य ग्रहण का प्रभाव चंद्रमा से संबंधित मामलों पर भी पड़ सकता है, जैसे कि मानसिक शांति, भावनाएं, माता-पुत्र संबंध, आदि।
      • सूर्य ग्रहण का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करता है, जैसे कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो सूर्य ग्रहण का प्रभाव उस व्यक्ति पर अधिक पड़ सकता है।
      सूर्य ग्रहण के दौरान किए जाने वाले उपाय:
      • सूर्य ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और ध्यान करना चाहिए
      • सूर्य ग्रहण के दौरान दान-पुण्य करना चाहिए
      • सूर्य ग्रहण के दौरान अपने पूर्वजों को याद करना चाहिए और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करनी चाहिए
      • सूर्य ग्रहण के दौरान अपने घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए और घर में पूजा-पाठ करना चाहिए

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