मीराबाई (1498-1557) एक महान भक्त कवयित्री और संत थीं, जिन्होंने भगवान कृष्ण की भक्ति में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका जन्म राजस्थान के मेड़ता में हुआ था।

 


मीराबाई का जीवन

मीराबाई का विवाह राठौड़ राजकुमार भोजराज से हुआ था, लेकिन वह अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती थीं। वह भगवान कृष्ण की भक्ति में इतनी लीन थीं कि उन्होंने अपने पति को छोड़ दिया और भगवान कृष्ण की सेवा में लग गईं।
मीराबाई के पति की मृत्यु के बाद, उनके ससुराल वालों ने उन्हें बहुत परेशान किया। लेकिन मीराबाई ने हार नहीं मानी और भगवान कृष्ण की भक्ति में अपना जीवन समर्पित कर दिया।

मीराबाई की रचनाएं

मीराबाई ने कई भक्ति गीत और कविताएं लिखीं, जो आज भी पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं। उनकी कविताओं में भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम की भावना को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया गया है।
मीराबाई की कुछ प्रसिद्ध कविताएं हैं:
  • "पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे"
  • "मीरा के प्रभु गिरिधर नागर"
  • "जोगी मत जा"

मीराबाई की विरासत

मीराबाई की विरासत आज भी पूरे भारत में जीवित है। उनकी कविताएं और गीत आज भी लोगों को भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम की भावना से जोड़ते हैं।
मीराबाई के जीवन और कार्यों ने कई लोगों को प्रेरित किया है, और वह आज भी एक प्रेरणा के स्रोत के रूप में देखी जाती हैं।

मीराबाई भगवान कृष्ण की भक्त थीं। उनके जीवन के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु और उनके कार्य निम्नलिखित हैं:

जीवन के महत्वपूर्ण बिंदु

  1. जन्म और परिवार: मीराबाई का जन्म 1498 में राजस्थान के मेड़ता में हुआ था। उनके पिता रतन सिंह राठौड़ थे।
  2. विवाह: मीराबाई का विवाह राठौड़ राजकुमार भोजराज से हुआ था।
  3. भगवान कृष्ण की भक्ति: मीराबाई भगवान कृष्ण की भक्ति में इतनी लीन थीं कि उन्होंने अपने पति को छोड़ दिया और भगवान कृष्ण की सेवा में लग गईं।
  4. सामाजिक विरोध: मीराबाई के पति की मृत्यु के बाद, उनके ससुराल वालों ने उन्हें बहुत परेशान किया। लेकिन मीराबाई ने हार नहीं मानी और भगवान कृष्ण की भक्ति में अपना जीवन समर्पित कर दिया.

कार्य

  1. भक्ति गीत: मीराबाई ने कई भक्ति गीत और कविताएं लिखीं, जो आज भी पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं।
  2. कविताएं: मीराबाई की कविताओं में भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम की भावना को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया गया है।
  3. संगीत: मीराबाई के गीतों में संगीत का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। उनके गीतों में संगीत की मधुरता और भक्ति की भावना को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया गया है।

प्रसिद्ध रचनाएं

  1. "पग घुंघरू बांध मीरा नाची रे"
  2. "मीरा के प्रभु गिरिधर नागर"
  3. "जोगी मत जा"
मीराबाई की रचनाएं आज भी पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं और लोगों को भगवान कृष्ण की भक्ति और प्रेम की भावना से जोड़ती हैं।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ